मंगलवार, 26 अप्रैल 2011

तेरे रूप मे आई माँ

प्रभु जी हम पर ये उपकार जो तेरे रूप मे आई माँ
प्रभु जी हम हैं कर्जदार जो हमको जन्म देती माँ  

हमारे दुःख सदा हरती हमे है सुख से यूँ भरती
हमे कभी दुःख ना छु पाते जो सर पे हाथ रखे माँ
प्रभु जी हम पर ये उपकार जो तेरे रूप मे आई माँ ............
हमारे खून की हर बूँद हमारी कर्जे में हर सांस
प्रभु हम माँ के कर्जे में चुकाएं कैसे कहिये आप
प्रभु जी हम पर ये उपकार जो तेरे रूप मे आई माँ ...........
प्रभु हम कुछ ना अब चाहेंसदा ही तुमको हम ध्याएँ
तेरे भी कर्जे में आयें, जो तुने दी है माँ की छाँव
प्रभु जी हम पर ये उपकार जो तेरे रूप मे आई माँ ............
माँ की सेवा खूब करनामाँ को दुःख नहीं देना
माँ को ना होकोई कष्ट, कष्ट देनाहमे देना
प्रभु जी हम पर ये उपकार जो तेरे रूप मे आई माँ .............
हमारी माँ के जैसी माँ, तुने देखि और कहाँ
जो तू भी चाहता था ममता, तो पैदा होता तू यहाँ
प्रभु जी हम पर ये उपकार जो तेरे रूप मे आई माँ ............
प्रभु जी भूल क्या हो गईजो तुने माँ को है छिना
पकड़ के कान रगड़े नाक, राजीव को ये ही माँ देना
प्रभु जी हम पर ये उपकार जो तेरे रूप मे आई माँ...............
 

1 टिप्पणी:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

माँ, अद्भुत शब्द है यह।