प्रभु जी हम पर ये उपकार जो तेरे रूप मे आई माँ
प्रभु जी हम हैं कर्जदार जो हमको जन्म देती माँ
हमारे दुःख सदा हरती हमे है सुख से यूँ भरती
प्रभु जी हम हैं कर्जदार जो हमको जन्म देती माँ
हमारे दुःख सदा हरती हमे है सुख से यूँ भरती
हमे कभी दुःख ना छु पाते जो सर पे हाथ रखे माँ
प्रभु जी हम पर ये उपकार जो तेरे रूप मे आई माँ ............
हमारे खून की हर बूँद हमारी कर्जे में हर सांस
प्रभु हम माँ के कर्जे में चुकाएं कैसे कहिये आप
प्रभु जी हम पर ये उपकार जो तेरे रूप मे आई माँ ...........
प्रभु हम कुछ ना अब चाहें, सदा ही तुमको हम ध्याएँ
तेरे भी कर्जे में आयें, जो तुने दी है माँ की छाँव
प्रभु जी हम पर ये उपकार जो तेरे रूप मे आई माँ ............
माँ की सेवा खूब करना, माँ को दुःख नहीं देना
माँ को ना हो, कोई कष्ट, कष्ट देना, हमे देना
प्रभु जी हम पर ये उपकार जो तेरे रूप मे आई माँ .............
हमारी माँ के जैसी माँ, तुने देखि और कहाँ
प्रभु जी भूल क्या हो गई, जो तुने माँ को है छिना
पकड़ के कान रगड़े नाक, राजीव को ये ही माँ देना
जो तू भी चाहता था ममता, तो पैदा होता तू यहाँ
प्रभु जी हम पर ये उपकार जो तेरे रूप मे आई माँ ............प्रभु जी भूल क्या हो गई, जो तुने माँ को है छिना
पकड़ के कान रगड़े नाक, राजीव को ये ही माँ देना
प्रभु जी हम पर ये उपकार जो तेरे रूप मे आई माँ...............
1 टिप्पणी:
माँ, अद्भुत शब्द है यह।
एक टिप्पणी भेजें