गुरुवार, 22 नवंबर 2012

इंतजार

क्यूँ मेरे दर्द का अहसास नही, 
दिल तुम्हारा तुम्हारे पास नही 
खो गये वो जुबां के लफ्ज़ कहीं 
जुदाई का होगा न निशान कहीं

हम थे कभी पर आज हम न हैं
तुम और मै थे पर हम हम न हैं
भरोसे का दायरा तुमने समेटा
हम तो वहीं हैं पर धूल ने लपेटा

इंतजार है क्यूँ तुम फिर आओगे
सब भूल मुझमे फिर सिमट जाओगे
मरेंगे नही बस इतना याद रखना
शरीर खामोश, आँख खूली पाओगे


सोमवार, 12 नवंबर 2012

50वां साल

50वां था चल रहा आदत ए इश्क न गई
वो आई मदहोश कर सब बाँध ले गई
आँख तो तब खुली जब न मिली पतलून
वाकया अजीब था तुम समझ लो मज्मुम

बात सिर्फ पतलून की होती तो चल जाता
शाम वो जब आएँगी उतरी हुए की उतारेंगी
आग लगे तन को क्या सूझी बूढ़े मन को
बेठे बिठाये को बिठाया निगल तू गम को

इतनी सुंदर न थी जो खड़ा हो गया शरीर
अब सब देखेंगे तेरी बनी बिन पतलून तस्वीर
पर ये मन मान जाये तो समझ आएगा
वर्ना फिर देख हसीना राजीव भटक जाएगा