शनिवार, 23 फ़रवरी 2013

विश्वास जगाया था

तिनका तिनका चुनकर बुनकर घोंसला बनाया था
तुमको ब्याहकर लाकर सपना अपना यूँ सजाया था
आँधी पानी तक तनिक तिनका न बाँका कर पायी
शक रूपी चिंगारी ने उसे माटी मिला जलाया था
सपना अपना कर अधुरा जीतेजी मरना सिखलाया
अमृत यूँही पड़ा रहा पर, तुमने विष था पिलवाया
मोह नही तिनको का कर कर को मेरे समझाया
चला चल एकाँकी ही अब, ये विश्वास जगाया था
समय रहा बलवान जग में मंजिल वोही पायेगा
जिसको है विश्वास कर में, करके वो ही जायेगा
दाने दाने नाम लिखा है जिसका है वही खायेगा
सपना सपना सा रहा हकीकत ने मुझे बताया था
 

गुरुवार, 7 फ़रवरी 2013

मोहब्बत

तुम्हारी बेवफ़ाई तुम्हारे काम ना आई
मोहब्बत हमारी, उसे कम ना कर पाई
कुछ ऐसा तो करो मोहब्बत से डर लगे
वर्ना नफ़रत मोहब्बत को देगी बधाई

हमे शौक नही है मोहब्बत करने का
पर पता ना चला कम्बखत कब आई
कसम तुम्हारी तुमसे कोई शिकवा नही
है दिल में छुपी किसी को ना नज़र आई