तिनका तिनका चुनकर बुनकर घोंसला बनाया था
तुमको ब्याहकर लाकर सपना अपना यूँ सजाया था
आँधी पानी तक तनिक तिनका न बाँका कर पायी
शक रूपी चिंगारी ने उसे माटी मिला जलाया था
सपना अपना कर अधुरा जीतेजी मरना सिखलाया
अमृत यूँही पड़ा रहा पर, तुमने विष था पिलवाया
मोह नही तिनको का कर कर को मेरे समझाया
चला चल एकाँकी ही अब, ये विश्वास जगाया था
समय रहा बलवान जग में मंजिल वोही पायेगा
जिसको है विश्वास कर में, करके वो ही जायेगा
दाने दाने नाम लिखा है जिसका है वही खायेगा
सपना सपना सा रहा हकीकत ने मुझे बताया था
तुमको ब्याहकर लाकर सपना अपना यूँ सजाया था
आँधी पानी तक तनिक तिनका न बाँका कर पायी
शक रूपी चिंगारी ने उसे माटी मिला जलाया था
सपना अपना कर अधुरा जीतेजी मरना सिखलाया
अमृत यूँही पड़ा रहा पर, तुमने विष था पिलवाया
मोह नही तिनको का कर कर को मेरे समझाया
चला चल एकाँकी ही अब, ये विश्वास जगाया था
समय रहा बलवान जग में मंजिल वोही पायेगा
जिसको है विश्वास कर में, करके वो ही जायेगा
दाने दाने नाम लिखा है जिसका है वही खायेगा
सपना सपना सा रहा हकीकत ने मुझे बताया था
2 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर भावनात्मक प्रस्तुति . अकलमंद ऐसे दुनिया में तबाही करते हैं . आप भी जानें हमारे संविधान के अनुसार कैग [विनोद राय] मुख्य निर्वाचन आयुक्त [टी.एन.शेषन] नहीं हो सकते
संशय तोड़ देता है..
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