कलम कवि की
कलम कवि की
रविवार, 3 फ़रवरी 2019
नया लायें
वो इंतज़ार મેં हैं हम कुछ लिखे
हम इन्तज़ार में हैं कुछ नया दिखे
पुराना समेट दिया चलो नया लायें
ना करेंआवरण नया और भीतर पुराना पाएँ
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