रिश्तों पर नज़र तुम रखते हो
रिश्तों को नज़र लग जाती है
प्रेम से है बनी हर रिश्ते की नीव
वो प्रेम की नीव हिल जाती है
खुदा के बनाये है रिश्ते सभी
शक कोई खुदा पर कैसे करे
इल्जाम खुदा पर जब भी लगा
खुदा की खुदाई हिल जाती है
क्या सुनते कहते सबसे हैं वो
वो ही जाने ये उनकी हैं बातें
खुद को उनमे खुद फंसा कर
रिश्ते में लकीर पड़ जाती है
क्या सुनते कहते सबसे हैं वो
वो ही जाने ये उनकी हैं बातें
खुद को उनमे खुद फंसा कर
रिश्ते में लकीर पड़ जाती है
यकीन हो तो अपना रिश्ता
इस जहान में कभी न रिस्ता
प्रेम जो बांटो आँख मूंद तुम
रिश्तों की झड़ी लग जाती है
इस जहान में कभी न रिस्ता
प्रेम जो बांटो आँख मूंद तुम
रिश्तों की झड़ी लग जाती है
रिश्तों पर नज़र तुम रखते हो
रिश्तों को नज़र लग जाती है
प्रेम बना हर रिश्ते की नीव
वो प्रेम की नीव हिल जाती है
3 टिप्पणियां:
किसी की नज़र न लगे।
प्रेम जो बांटो आँख मूंद तुम
रिश्तों की झड़ी लग जाती है
सीधी सच्ची बात!
यकीन हो तो अपना रिश्ता
इस जहान में कभी न रिस्ता
प्रेम जो बांटो आँख मूंद तुम
रिश्तों की झड़ी लग जाती है
Great !!!!!!!!!!
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