ये जीवन तो गया यूँही
अगला न व्यर्थ जाये
बैठ माँगा प्रभु के समक्ष
अगला किसी काम आये
किसी के हाथ में हो
किसी के चरणों में
किसी की कमर से
किसी के कूल्हों से
किसी के सर पर रहूँ
हर किसी के घर रहूँ
प्रभु ऐसा अवतार दे
न मेरे बिन कोई रहे
प्रभु ऐसा अवतार दे
न मेरे बिन कोई रहे
प्रभु का उपकार समक्ष आया
अगला जन्म जूते के रूप में पाया
2 टिप्पणियां:
वाह..
क्या कहूँ कुछ समझ नहीं आया :)
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