तन्हा रहने की चाह थी
तन्हा नही रह पाए हम
तन्हाई की तलाश लिए
तन्हाई तलाश लाये हम
तुम बसे हो हर कतरे मेंदिल में हो सबसे करीब
तन्हाई में भी तन्हा न हैं
यही अपना अपना नसीब
साथ हर वक्त है तुम्हारा
क्यूँ हो तन्हा खुशनसीब
लोगों से कहते सुनते हैं
तन्हा रह गया राजीव
1 टिप्पणी:
एकला चलो।
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