मुझमे क्या है मेरा बताओ
नैन चाहें देखना तुमको
पास तुम आओ न आओ
कानो में घुली मिश्री तुम्हारी
तुम मूक रहो या गाओ
ह्रदय धडकता हर पल
समक्ष रहो कहीं खो न जाओ
जुबान खुले कहे बात तुम्हारी
और कुछ कभी न सुन पाओ
ओ मेरे इष्ट क्यूँ छुपे तुम
मन मश्तिक्ष से साक्षात आओ
तन राख आत्मा साफ़
मुझमे क्या है मेरा बताओ
1 टिप्पणी:
यदि साक्षी तो क्या है मेरा?
एक टिप्पणी भेजें