गुरुवार, 26 अगस्त 2010

चमन

ना रोंदो चमन को
ये चमन हमारा है
हर जात का फूल
चमन को प्यारा है

फूलों को जिसने तोडा
शुलों ने ना है छोड़ा
ये फूल और शूल का
तो साथ ही न्यारा है 

2 टिप्‍पणियां:

दीपक बाबा ने कहा…

फूल और शूल का तो साथ ही निराला है....... पुराना होते हुवे भी कुछ कुछ नया है.

बेनामी ने कहा…

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