कलम कवि की
कलम कवि की
रविवार, 8 अगस्त 2010
लिखा
लेखन लिख लिख सब गए, लिखा कभी नहीं जाये
जो लिखा पढ़ तुम भी लिखो लिखा सफल हो जाये
1 टिप्पणी:
संगीता स्वरुप ( गीत )
ने कहा…
वाह..बहुत अच्छी बात कही है ..
8 अगस्त 2010 को 3:30 pm बजे
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1 टिप्पणी:
वाह..बहुत अच्छी बात कही है ..
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