मंगलवार, 24 अगस्त 2010

बिछोड

छोड़ के नाते तोड़ के बंधन
चला लिए वो काठ की गाड़ी
प्रतीक्षा माटी जल कर रहे
आगंतुक आगमन की तैयारी
अग्न लग्न को खड़ी ये सोचे
मिले यूँ ,न हो बिछोड हमारी
 

1 टिप्पणी:

36solutions ने कहा…

सुन्‍दर अभिव्‍यक्ति, धन्‍यवाद.

रक्षाबंधन पर्व की हार्दिक शुभकामनांए.