गुरुवार, 29 मार्च 2012

प्यार हो गया

रिश्ता चैन से टूटे
निंदिया नयन से छूटे
तो समझो प्यार हो गया

जो रहे तू खोया खोया
जग लगे तुझे सोया सोया
बंधन बांध न पाए
बांध सब्र का टूटे
तो समझो प्यार हो गया

सह सके न पल की जुदाई
बस देती ही रहे दिखाई
पलक तू पल भी न झपके
लगे कोई लेगा लूट
तो समझो प्यार हो गया

झूठ से दोस्ती हो जाये
अपनों से आँख चुराए
हर बात पर धडके दिल
कहीं ये न जाए टूट
तो समझो प्यार हो गया


रिश्ता चैन से टूटे
निंदिया नयन से छूटे
तो समझो प्यार हो गया







  

4 टिप्‍पणियां:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

वाह, पूरी लक्षण व्यक्त कर दिये।

Pallavi saxena ने कहा…

ऐसा लगा जैसे की डॉ ने इस प्रेम के मर्ज के लक्षण बता दिये की प्यार मे आगे जो भी होगा उसके लिए आप खुद जिम्मेदार हैं।

Yashwant R. B. Mathur ने कहा…

आज 01/04/2012 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर (सुनीता शानू जी की प्रस्तुति में) लिंक की गयी हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!

मेरा मन पंछी सा ने कहा…

wah|||
bahut sundar:-)