आज दिन भर मुलाक़ात ना हो सकी अपनेआप से
सिवाय मेरे हर व्यक्ति मिला मुझ बड़े साहेब से
ढले हुए सूरज की शीतल रौशनी मै
मुस्कुराता मस्तीभरा चला
लिए मिलने की चाह अपनेआप से
परन्तु हर रोज की तरह
यादों ने छीन लिया
अकेलापन मुझसे
रह गई अधूरी चाह
मिलने की अपनेआप से
आज मिल ना सका
कोई गम नहीं
फिर किसी अच्छे दिन
लूँगा मिलने का appointment अपनेआप से
4 टिप्पणियां:
सबसे मिलते हैं हम और अपने आप से ही मिलना भूल जाते हैं...!
सटीक अभिव्यक्ति!
सच ही तो है जीवन कि आपाधापी में अक्सर हम खुद से ही नहीं मिल पाते..इसलिए एक न एक दिन ज़रूर ले ही लीजिये गा appointment अपने आप से बहुत बढ़िया प्रस्तुति आभार समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है http://mhare-anubhav.blogspot.com/
अपने आप से मिल लेना बहुत ही आवश्यक है।
भागते इंसान के पास आज इतनी भी फुर्सत कहा है राजीव जी.
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