ओ पथिक पथ पर मिलने वाले
तेरे न है बस याद रख
मंजिल तेरी दूर अभी
बस चलता चल तू अपने पथ
राहों में तुझे छलने वाले
हर पग पर तुझे ललचायेंगे
मंजिल तेरी जो मंजिल नहीं
उस मंजिल की ओर ले जायेंगे
ओ पथिक पथ पर मिलने वाले..............
सबकी मंजिल है अलग अलग
पाते ही सब छोड़ जायेंगे
राहें तेरी डगमग होंगी
पथ जगमग सा दिखलायेंगे
ओ पथिक पथ पर मिलने वाले..............
इनसे बढ़के कोई मीत नहीं
इनके सुर सा कोई गीत नहीं
ये भटकाने तुझे मंजिल से
रेतीली तृष्णा जगायेंगे
ओ पथिक पथ पर मिलने वाले..............
जिस पथ पर तू है निकल पड़ा
उस पथ पर ही तू चलता चल
जो मंजिल तू पाने निकला
उस मंजिल को तू पाजायेगा
ओ पथिक पथ पर मिलने वाले..............
2 टिप्पणियां:
sundar abhivyakti badhai
बहुत बेहतरीन!!
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