शनिवार, 31 जुलाई 2010

प्रदुषण

चटर पटर करते पटाखे
कितना शोर करते पटाखे
चारों ओर धुआं ही धुआं
दूषित हवा करते पटाखे


मल को जल में मत मिला
जल के संग जीवन  होए
मल जल दलदल बने तो
जीवित बचा नहीं कोई