शनिवार, 24 जुलाई 2010

बोली

राजीव शर्मा आकर बोले
माँ मेरा भी मनुवा डोले
चक्कर कुछ ऐसा चला दो
मेरा भी तुम विवाह रचा दो
अच्छी हो चाहे मैली कुचली
तनख्वा हो छ अंको वाली
ससुर हो अच्छे पैसे वाला
न हो कोई साली साला
एक बिन भरा चेक हो साथ
लड़के का खर्चा हो साथ
गैस सिलेंडर गाड़ी बंगला
नहीं दिखूं मै उससे कंगला
यदि ये सब देने में हो फेल
तो साथ ज़रूर दे मिटटी का तेल
दहेज़ हमे कुछ न चाहिए
बिकाऊ है वर खरीदार चाहिए
जोहनी पड़े न कोई बाट
पत्र वयेव्हार का पता शमशान घाट

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