रविवार, 18 जुलाई 2010

कवि क्यों बना

पिताजी ने कहा
अरे मुर्ख क्यों कवि बनता है तुझे पता है कवि हमेशा भूखों मरता है
और तुझे कौन कवि सम्मेलन में बुलाएगा
अगर बुलाया भी तो खुद भी पिटेगा उसे भी पिटवाएगा
मैंने उनसे कहा
आपको क्या पता मै कवि बनके क्या करूंगा
मेरा तीर एक है शिकार अनेक करूंगा
पैसे संयोजक से सब्जी श्रोताओं से
टूटी पुरानी चप्पलों का व्यापार करूंगा

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