तुमने छोड़ा है हमको यह तो तुम कहते हो
पर याद में अब भी, क्यों आँखें से बहते हो
क्या दो घडी न मिलना छोड़ देना होता हैं
तुम अकेले में फिर क्यों प्रभु से कहते हो
हमसे पूछो हर पल तुम संग में रहते हो
दर्द ए दिल छुपाते हम पर समझे रहते हो
तुम रख कर दिल पर हाथ दूर हो कह दो
पर फिर क्यों तुम ये दिल सम्भाले रहते हो
कोई रिश्ता न हो सका पर प्यार करते हो
प्यार तो है प्यार इसे रिश्ता क्यों कहते हो
वक्त का सताया हूँ वक्त आया तो जाऊंगा
जलने से डरता हूँ तुम इस दिल में रहते हो
पर याद में अब भी, क्यों आँखें से बहते हो
क्या दो घडी न मिलना छोड़ देना होता हैं
तुम अकेले में फिर क्यों प्रभु से कहते हो
हमसे पूछो हर पल तुम संग में रहते हो
दर्द ए दिल छुपाते हम पर समझे रहते हो
तुम रख कर दिल पर हाथ दूर हो कह दो
पर फिर क्यों तुम ये दिल सम्भाले रहते हो
कोई रिश्ता न हो सका पर प्यार करते हो
प्यार तो है प्यार इसे रिश्ता क्यों कहते हो
वक्त का सताया हूँ वक्त आया तो जाऊंगा
जलने से डरता हूँ तुम इस दिल में रहते हो
1 टिप्पणी:
बहुत प्यारी कविता..
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