जो रम गया राधे राधे
वो थम गया राधे राधे
गिरधर की मुरलिया न्यारी
मोहन की मूर्ति प्यारी
बांके को जिसने देखा
सम्मोहित खड़ा सरीखा
आँखे ने पल भी झपकी
बस खो गया राधे राधे
कान्हा कान्हा का सुर है
जो भटकाए आसुर है
मेरे जीवन की नदी में
कान्हा का पैंठा दर है
कान्हा को रटते रटते
रहूँ कान्हा के भंवर में
मै रम गया राधे राधे
नैनो में वो है समाया
मेरे घट घट में वो आया
मेरी रग रग बहता जाये
मेरी जिव्या उसे ही गाये
मेरे नैन मूंद उसे देखें
तन उसी का नाम लपेटे
मुझे चिंता न बीमारी
मै गाऊं जो राधे राधे
मेरे घट घट में वो आया
मेरी रग रग बहता जाये
मेरी जिव्या उसे ही गाये
मेरे नैन मूंद उसे देखें
तन उसी का नाम लपेटे
मुझे चिंता न बीमारी
मै गाऊं जो राधे राधे
जो रम गया राधे राधे
वो थम गया राधे राधे
2 टिप्पणियां:
राधे राधे..
जो रम गया राधे राधे
वो थम गया राधे राधे
राधे राधे
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