पलकों पर बिठा कर रखूंगा
तुम हाँ कहो या ना कहो
अपने दिल में छुपा कर रखूँगा
तुम हाँ कहो या ना कहो
तुमने ही समझा गैर हमे
अपने लिए तुम अपने हो
जो छोटा सा सपना देखा
वो पूरा होते सपने हो
सपनों को संजोये रखूँगा
तुम हाँ कहो या ना कहो
पलकों पर बिठा कर रखूंगा, तुम हाँ कहो या ना कहो
तुमने शर्तों पर प्यार किया
प्यार नही व्यापार है वो
प्यार में जो कीमत मांगे
प्रेम का एक गुनहगार वो
गुनाहों से बचा कर रखूँगा
तुम हाँ कहो या ना कहो
पलकों पर बिठा कर रखूंगा, तुम हाँ कहो या ना कहो
मोती कब किस सीप मिले
आशाओं का कब दीप जले
दिल हमने तो एक बार दिया
प्यार में सब कुछ हार दिया
उस हारको जीता रखूंगा
तुम हाँ कहो या ना कहो
पलकों पर बिठा कर रखूंगा, तुम हाँ कहो या ना कहो
कभी तो धड़के तेरा दिल
आजाये चल कर खुद मंजिल
रिश्ता अपना यूँ सागर संग
लहरों सा मचले तेरा दिल
मझदार में कश्ती रखूंगा
तुम हाँ कहो या ना कहो
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