शुक्रवार, 31 मई 2013

आत्मचिंतन

यहाँ कौन किसी के लिए आँसू बहाता है
घाव जिसके लगते हैं दर्द वही उठाता है

गिरता है वो जिसे उठने की चाह होती है
मंजिल बेसब्री से उसकी बाट जोहती है

हँसना हँसाना सब के नसीब में होता है
हँसता है वो जो दर्द की कीमत चुकता है

कोई भी इंसान छोटा या बड़ा नही होता
बस विचार, व्यवहार यह गुण दर्शाता है

2 टिप्‍पणियां:

Dr ajay yadav ने कहा…

उत्तम

AMIT ने कहा…

beautiful presentations in all poems