हारे पर ये चिंतन क्यूँ लड़ने से पहले न किया
जंग लगे हथियारों से क्यूँ फिर तूने जंग किया
सेना तेरी तेरी न थी तेरे लिए रणभेरी न थी
बिन सोचे बिन जाने तूने क्यूँ हार का रंग लिया
अजय सारथि था रथ का, तेरे बंधन बंधा हुआ
जो तू सुनता ज्ञात उसे, न होता जो आज हुआ
तन कमजोर मन कमजोर, फिर ये आत्मघात
दुश्मन कौन समझ जरा कैसे हुआ ये पक्षपात
अभी समय है संभल सारथि मार्ग का ज्ञाता है
मार्ग वही चुन उसे पता है मार्ग कहाँ से जाता है
अजय अजय है कृष्ण रूप धर, मार्ग दिखायेगा
जिस मार्ग को तू न समझे जीत वही से लायेगा
उठ खड़ा हो मत हो निराश तन को कर मजबूत
साक्ष्य तेरे समक्ष खड़ा दुश्मन हो नेस्तनाबूत
तेरे जीवन की भूमि की छुपी उर्जा को पहचान
पीठ पीछे जो वार हुआ तू उनकी कर पहचान
जंग लगे हथियारों से क्यूँ फिर तूने जंग किया
सेना तेरी तेरी न थी तेरे लिए रणभेरी न थी
बिन सोचे बिन जाने तूने क्यूँ हार का रंग लिया
अजय सारथि था रथ का, तेरे बंधन बंधा हुआ
जो तू सुनता ज्ञात उसे, न होता जो आज हुआ
तन कमजोर मन कमजोर, फिर ये आत्मघात
दुश्मन कौन समझ जरा कैसे हुआ ये पक्षपात
अभी समय है संभल सारथि मार्ग का ज्ञाता है
मार्ग वही चुन उसे पता है मार्ग कहाँ से जाता है
अजय अजय है कृष्ण रूप धर, मार्ग दिखायेगा
जिस मार्ग को तू न समझे जीत वही से लायेगा
उठ खड़ा हो मत हो निराश तन को कर मजबूत
साक्ष्य तेरे समक्ष खड़ा दुश्मन हो नेस्तनाबूत
तेरे जीवन की भूमि की छुपी उर्जा को पहचान
पीठ पीछे जो वार हुआ तू उनकी कर पहचान
2 टिप्पणियां:
याद रखना वार हर एक।
सादर आमंत्रण,
हम हिंदी के श्रेष्ठ ब्लॉग 'हिंदी चिट्ठा संकलक' पर एकत्र कर रहे हैं,
कृपया अपना ब्लॉग शामिल कीजिए - http://goo.gl/7mRhq
एक टिप्पणी भेजें