तुमेह भूल जायूं ये मुमकिन नहीं है
हमे भूल जाओ न इस पर यकीन है
वो तपती दोपहरी वो नीम की छाया
गुड्डे गुड़िया का ब्याह था रचाया
अपने खेल में तुमेह ही था ब्याहा
आज खो गई मेरी गुड़िया कही है
यौवन की दहलीज पर चढ़ रहे थे
हाथ में हाथ थामे यूँ बढ़ रहे थे
संग देख कर यूँ नयन जल रहे थे
लगता था जैसे जन्नत यहीं है
तुम दूर हो मुझसे यह तो पता है
हो किसी और के मेरी क्या खता है
दिल ले गये संग में न मांगते हैं
पर ये क्यूँ कहते हो जीना यूँही है
खुदा से दुआ में ये अब मांगते हैं
ज़माने की खुशियाँ दामन भरा हो
गम का न कोई साया संग खड़ा हो
अश्कों वहाँ न जाना राजीव यहीं है
तुमेह भूल जायूं ये मुमकिन नहीं है
हमे भूल जाओ न इस पर यकीन है
हमे भूल जाओ न इस पर यकीन है
वो तपती दोपहरी वो नीम की छाया
गुड्डे गुड़िया का ब्याह था रचाया
अपने खेल में तुमेह ही था ब्याहा
आज खो गई मेरी गुड़िया कही है
यौवन की दहलीज पर चढ़ रहे थे
हाथ में हाथ थामे यूँ बढ़ रहे थे
संग देख कर यूँ नयन जल रहे थे
लगता था जैसे जन्नत यहीं है
तुम दूर हो मुझसे यह तो पता है
हो किसी और के मेरी क्या खता है
दिल ले गये संग में न मांगते हैं
पर ये क्यूँ कहते हो जीना यूँही है
खुदा से दुआ में ये अब मांगते हैं
ज़माने की खुशियाँ दामन भरा हो
गम का न कोई साया संग खड़ा हो
अश्कों वहाँ न जाना राजीव यहीं है
तुमेह भूल जायूं ये मुमकिन नहीं है
हमे भूल जाओ न इस पर यकीन है
1 टिप्पणी:
बहुत खूब..
एक टिप्पणी भेजें