शनिवार, 21 जनवरी 2012

आज हम आज़ाद हैं

आज हम आज़ाद बापू आज हम आज़ाद हैं 
आज हम आज़ाद बापू आज हम आज़ाद हैं

तोड़ कर अपनी  गुलामी, पायी तोपों की सलामी
टप टपा टप टप टपा टप,  धुन सुनातें हैं सेनानी 
राजपथ पर आज उमड़ा, यह गज़ब सैलाब है 
आज हम आज़ाद बापू आज हम आज़ाद हैं

आज़ादी पाने का सपना पूरा कर वो लायें हैं 
खुद को खोया है उन्होंने आये उनके साये हैं  
कोख जिनकी जन्मे थे वो, हो गई आबाद है 
आज हम आज़ाद बापू आज हम आज़ाद हैं

नौजवानों कान खोलो जान लो करना है क्या
इस वतन की माटी से ये महके आज़ादी सदा
मिट न पाए नाम उनका तन से जो आज़ाद है  
आज हम आज़ाद बापू आज हम आज़ाद हैं

चंद गद्दारों ने अपने अपनों को मरवाया था
गद्दारी न हो वतन में जिसने सब गंवाया था
झुक गया था जो शर्म से, सर उठा वो आज है
आज हम आज़ाद बापू आज हम आज़ाद हैं

हिंद की माटी में देखो सोये माँ के लाल हैं
हिंद को है नाज़ जिनपर उनका अब अकाल है
आज़ादी की खुशबु पाकर हिंद मालामाल है
आज हम आज़ाद बापू आज हम आज़ाद हैं

लहलहाता है तिरंगा इठले जमुना इठले गंगा
एकता के सामने दुश्मन यूँ भागा हो के नंगा
देश के भविष्य तुम हो अब न हो बर्बाद ये    
आज हम आज़ाद बापू आज हम आज़ाद हैं


4 टिप्‍पणियां:

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

जो रहे, जैसा रहे, पर आज हम आजाद हैं..

Unknown ने कहा…

वाह खूबसूरत देश गीत बधाई

Pallavi saxena ने कहा…

हिन्द पर है नाज़ जिनको उनका अब आकाल है ... बहुत सही सार्थक रचना!!!! समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका सवागत है
http://mhare-anubhav.blogspot.com/

संजय भास्‍कर ने कहा…

क्या कहने, बहुत सुंदर पर आज हम आजाद हैं....!