बीमार का हाल पुछने दुनिया आई
पर आँखों को इंतजार था तुम्हारा
खुदा से दुआ मांगते है वो नहीं आयें
उनके माथे की शिकन न देखी जयेगी
हम खुद ब खुद मर मर कर जीलेंगे
सारे दर्द हम अपने में समेट यूँ लेंगे
जनाजा भी अपना दर्द भी अपना
बस दीदार ए यार आँख खुली पायेंगे
पर आँखों को इंतजार था तुम्हारा
खुदा से दुआ मांगते है वो नहीं आयें
उनके माथे की शिकन न देखी जयेगी
हम खुद ब खुद मर मर कर जीलेंगे
सारे दर्द हम अपने में समेट यूँ लेंगे
जनाजा भी अपना दर्द भी अपना
बस दीदार ए यार आँख खुली पायेंगे
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