प्यार अँधा होता है सब जानते हैं
प्यार गूँगा होता है सब जानते हैं
प्यार बहरा होता है सब जानते हैं
प्यार गहरा होता है सब जानते हैं
प्यार को न चाहिये हाथ और पैर
प्यार नही जानता अपना या गैर
प्यार प्यार चाहता है न कोई बैर
प्रेम करना है स्वर्ग की सुखद सैर
प्यार अनुभूति है व्यापार नही
प्यार स्वतंत्र है कारागार नही
प्यार सर्वस्व है चारदीवार नही
प्यार एक पुष्प है तलवार नही
प्यार को देखो हर रंग में है
प्यार को पाओ हर संग में है
प्यार कण कण हर क्षण में है
प्यार सत्संग संग रण में है
प्यार मीरा सूर यीशू रहीम है
प्यार पर्वत और महीन है
प्यार जात का मोहताज नही
प्यार राजा का कोई ताज नही
प्यार कोई सीख नही
प्यार कोई भीख नही
राजीव समझ प्यार को
यदि जितना है संसार को
4 टिप्पणियां:
उत्कृष्ट लेखन !!
सबने समझा प्यार को, प्यार किसी को न समझा
बिलकुल सच्ची बातें प्यार के बारे में.
हम पोस्टों को आंकते नहीं , बांटते भर हैं , सो आज भी बांटी हैं कुछ पोस्टें , एक आपकी भी है , लिंक पर चटका लगा दें आप पहुंच जाएंगे , आज की बुलेटिन पोस्ट पर
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