तूफान था आया गुजर गया
किधर से आया किधर गया
कल जो डाला छप्पर था
आज फिर से उजड़ गया
एक बार फिर ली परीक्षा
धैर्य ने की जीवन समीक्षा
पुन: जोड़ कर टुटा जीवन
फिर टुटा टुटा सँवर गया
किधर से आया किधर गया
कल जो डाला छप्पर था
आज फिर से उजड़ गया
एक बार फिर ली परीक्षा
धैर्य ने की जीवन समीक्षा
पुन: जोड़ कर टुटा जीवन
फिर टुटा टुटा सँवर गया
2 टिप्पणियां:
सुन्दर लेखनी !!!
सुन्दर लेखन
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