देखो मेरी भौर हो गयी
एक डाली पर
चिडिया चहके
दिवार सहारे
तुम
ना चहकना वो
भूलती
ना ही चहकना तुम
उसके सुर
या तुम्हारे
सुर
ना कुछ अंतर
विशेष है
बस तुम दोनों
की चहक
मेरा हर दिवस
में प्रवेश है
ना दोनों की
मीठी बोली
देख धूप चहुँ
ओर हो गई
देखो मेरी भौर हो गयी
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