रविवार, 27 जनवरी 2013

प्यार है प्यार

सबसे जुदा किया फिर क्यों जुदा हुए
वफा का सिखाके पाठ तुम बेवफा हुए

यह मेरा दिल है किराये का मकान नही
आज ठहरे फिर खाली करके चल दिए

याद रहे जहान वालो दिल बस बसता है
उजड़ता नही कभी जो हर हाल में जीये

अगर जुदा है तो फिर क्यों आँसू बहते
दिल से नही हैं वो जुदा क्यों नही कहते

अरे यह प्यार है प्यार कोई व्यापार नही
वरना प्यार के बोऱे बंद गोदामों में रहते   

कोई टिप्पणी नहीं: