कलम कवि की
कलम कवि की
गुरुवार, 10 फ़रवरी 2011
अंतिम हिसाब
ना जुलुस ना समारोह फिर यह कैसा सैलाब है
राजीव हमारे पाप पुण्य का ये अंतिम हिसाब है
1 टिप्पणी:
प्रवीण पाण्डेय
ने कहा…
बहुत सुन्दर।
10 फ़रवरी 2011 को 6:16 pm बजे
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1 टिप्पणी:
बहुत सुन्दर।
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