कलम कवि की
कलम कवि की
बुधवार, 26 जनवरी 2011
विचार
जब हम हम थे, तब गम ना थे
अब जब गम हैं, तब हम ना हैं
2 टिप्पणियां:
प्रवीण पाण्डेय
ने कहा…
वाह, गहरा।
26 जनवरी 2011 को 12:26 pm बजे
Kailash Sharma
ने कहा…
बहुत खूब !
26 जनवरी 2011 को 12:56 pm बजे
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2 टिप्पणियां:
वाह, गहरा।
बहुत खूब !
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