मुखड़ा क्यूँ फेरते हो मुखड़ा क्यूँ फेरते हो
इतने बुरे ना हम हैं
जीवन में कम ना गम हैं
ऐसे में तुम भी हमारा
दुखड़ा ना देखते हो
मुखड़ा क्यूँ फेरते हो मुखड़ा क्यूँ फेरते हो
तुम्हारा था हमको सहारा
अब कर गये क्यूँ किनारा
अपने हो फिर भी तुम
बेगाने से लगते हो
मुखड़ा क्यूँ फेरते हो मुखड़ा क्यूँ फेरते हो
साँसों में महके सदा तुम
कोयल से चहके सदा तुम
करके यूँ सन्नाटा
अब क्या तुम चाहते हो
मुखड़ा क्यूँ फेरते हो मुखड़ा क्यूँ फेरते हो
मुखड़ा क्यूँ फेरते हो मुखड़ा क्यूँ फेरते हो
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