कलम कवि की
कलम कवि की
रविवार, 27 मार्च 2011
सारांश
मानव जीवन का सारांश
मनुष्यता पूर्ण वृतान्त
क्रोध, लोभ, घृणा राजसी
क्षमा, सहन संत अन्तरांत
भोग भोगना नही जीवन
त्याग से होता जीव शांत
नफरत का ना बीज उपजे
प्रेम देवताओं सा देवांश
1 टिप्पणी:
प्रवीण पाण्डेय
ने कहा…
इस देवांश को हर जन में देखें हम सब।
27 मार्च 2011 को 12:20 pm बजे
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1 टिप्पणी:
इस देवांश को हर जन में देखें हम सब।
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