आओ सुनाऊं तुमेह एक कहानी
राम रहीम की थी दोस्ती पुरानी
चक्रम घंचक्रम चक्कर में रहते थे
राम रहीम से लड़ते रहते थे
राम रहीम का बस ध्येय था पढना
सब को पछाड़ के आगे ही बढ़ना
चक्रम घंचक्रम नालायक थे बड़े
नफरत पाते रहते अलग थलग पड़े
चक्रम घंचक्रम ने चाल एक चली
राम रहीम पे फेंकी जात की डली
मच गई चहूँ ओर यह कैसी खलबली
सब तरफ दुआओं की एक हवा चली
राम रहीम न एक पाठ सिखाया
ईद और दीप को फिर मिल के मनाया
दोस्ती दोनों की मिसाल बन गई
चक्रम बन्धुओं की खिली उड़ गई
आओ उठाएं हम भी यह कसम
भारतीय हम हम सब एक धर्म
दोस्तों तुम भी सुनाना ये सबको कहानी
राम रहीम की थी दोस्ती पुरानी.....
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें