शुक्रवार, 20 जनवरी 2017

जय भारती

जय भारती जय भारती जय भारती जय भारती
२६ जनवरी राजपथ को रंगों से है संवारती

२६ जन को हमने अपना, संविधान लागू किया
रौशनी चमकी यहाँ, हमने जलाया, अपना दीया  
पगपग बढ़ते रुकते ना हम, मना रहे गणतंत्र है
दुनिया में हमसे बड़ा न, कोई और जनतंत्र है
बार बार जन्मे यहाँ हम, पावन धरा पुचकारती

जय भारती जय भारती जय भारती जय भारती

लोगों की, द्वारा, के लिये लोकमत सरकार है
भिन्न भिन्न धर्मों के देखो, मिलेजुले त्यौहार है 
सोंधी माटी हिन्द की देखो, वीरो से पंचतंत्र है
दूश्मन को घर घुस के मारे, रचता जो षड्यंत्र है
वीरों की धरती है यह वीरों की है भारती

जय भारती जय भारती जय भारती जय भारती

लाठी और लंगोटी वाला, राष्ट्रपिता कहलाता है  
आज लाल लंगोटी वाला, हर रोग दूर भगाता है
चाय पिलाने वाला, राजपथ की शान बढ़ाता है
थरथराय भ्रष्टाचारी, ऐसे उपाय बताता है
कुद्रष्टि जो डाले ईस पर, मृत्यु उसे पुकारती

जय भारती जय भारती जय भारती जय भारती

है कोई ऐसा देश जहाँ धरने वाला मुखिया हो
मुद्रा पल में रूप बदले, हसें सभी, पर दुखिया हो
आओ कण कण उसका पूजें भवसागर से तारती
पत्थर पूजें नदियाँ पूजे सुबह शाम हो आरती
हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई सबकी रग पुकारती  


जय भारती जय भारती जय भारती जय भारती

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